rashi sharma
rashi sharma 29 Aug, 2022 | 0 mins read

वाबस्ता.................

हर कोई किसी ना किसी से ज़ड़ा हुआ है, चाहे - अनचाहे बंधा हुआ है, कोशिश कर लो कितना ही छुड़ाने की, बांधने वाले ने बड़ी तसल्ली से पकड़ रखा है.

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rashi sharma
rashi sharma 28 Aug, 2022 | 0 mins read

वो और हम..............

उसका नाम बदल देता है, उसके आगे सब फिका लगता है, शांति के करीब वहीं तो ले जाता है, सुकून से वो राब्ता कराता है.

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rashi sharma
rashi sharma 27 Aug, 2022 | 0 mins read

मैं सफलता ऐसी हूँ..................

मेरे आने पर घंमड़ ना कर, मेरे जाने पर पागल ना बन.

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rashi sharma
rashi sharma 26 Aug, 2022 | 1 min read

कभी तो...............

माना कि हम सबकुछ कर सकते है, हर चीज़ को हासिल कर सकते है, पर कभी तो ड़रना भी चाहिए, गलत सोच और गलत काम से गुरेज़ करना भी चाहिए.

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rashi sharma
rashi sharma 25 Aug, 2022 | 1 min read

मैं रेत की तरह ...........

कमाल है ऐ रेत भी, चमकती है ऐ रेत भी, दर्पण है समाज का कहानी कहती है रेत भी, साहिल का किनारा इसका है सारा, बदलती है खुद को ऐसे जैसे पूरा जहान है इसका, सारा का सारा.

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rashi sharma 24 Aug, 2022 | 1 min read

मैं गुस्सा.................

खराब वक्त की घंटी हूँ मैं, तबाही की दस्तक हूँ मैं, हर शय है घर मेरा, भगाओं मुझे नहीं तो खा जाऊँगा मैं.

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rashi sharma 22 Aug, 2022 | 1 min read

गहराई................

बातों में गहराई है, व्यकत्तिव में समाई है.

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rashi sharma 21 Aug, 2022 | 1 min read

उसकी हर बात जुदा..................

तू है तो सब कुछ है, तू साथ है तभी तो सारी बात है, रात की चांदनी है तुझसे, मेरी सुबह भी तुझसे ही गुलज़ार है.

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rashi sharma
rashi sharma 20 Aug, 2022 | 1 min read

सर्दी का साथ................

ना किसी से शिकायत है, ना किसी को कम आंकते है, हम कायल है सर्दी के बस इतना ही हम जानते है.

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rashi sharma
rashi sharma 18 Aug, 2022 | 1 min read

"मुझे मेरी फिक्र हैं"

माना कि मैं हमेशा शांत नहीं रहता, मगर पहले जितना जिंदादिल भी नहीं रहता, बेपरवाही मेरी ही पहचान है, अब देखों मैं मौसम खुद से ही अंजान है.

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