जब से उससे जुड़े, सबसे जुदा हो गए,
हम पहले अपनों के थे, अब अपने भी ना रहे,
ना दिमाग कुछ सोचता है, ना ज़ुबान किसी से बात करती है,
बस अतर्मन में एक खास धुन बजती रहती है,
मगन कर दिया उसने मुझे खुद में,
बात करनी भी सीखा दी उसने मुझे आहिस्ते से,
वही तो कहता है कि एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा,
तू सब्र तो कर तेरे साथ सब कुछ खुद ब खुद अच्छा होता जाएगा,
बुराई हमसे दूर रहने लगी है, नज़दीक तो है पर करीब आती नहीं,
मुस्कान अब चेहरे से कहीं जाती ही नहीं,
कोई कुछ भी कहें हमें किसी की परवाह ही नहीं,
वो अपना असर ऐसा छोड़ता है, ना अपना बनाता है और ना ही किसी और का होने देता है.
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
ऐसा कौन है, हमे भी तो बताओ... 😍🤔👏👏👏👏👏👏👏
no one except god.
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