सौंदर्य झांक रहा है....................
सीशा भी जिससे शर्मा जाएं, उसे देख हर कोई हैरान हो जाए, बड़ा वक्त लेकर बनाया है उसे, जिसे देख चांद भी शर्मा जाए.
नाराज़गी..................
गुस्से से भरा इंसान बेकाबू हो गया है, किस - किस को समझाएं हर कोई एक जैसा ही हो गया है.
दिखावे की जद्दोजहद....................
जैसा दिखना चाहते हो वैसा बन जाओं, वरना जैसे हो वैसे दिखों भी.
मलाल...............
ना जीने देता है, ना मरने देता है, ऐ मलाल रोक देता है इंसान को, खुद में कैद कर लेता है.
शिक्षा.................
कोरे कागज़ पर छपा हर अक्षर कमाल का है, ज्ञान में डूबता बचपन एक चमत्कार सा है, उस पर जब कोई शिक्षक कहानी सुनाता है, हमारा फिर से बच्चा हो जाने को जी चाहता है.
मैं सीढी.............
हार - जीत से दूर में लोगों का साथ निभाता हूँ, मंज़िल दूर ही सही में हर प्रयास में ड़ट कर खड़ा रहता हूँ, मैं सीढी कितनों का सफर आसान करता हूँ.
"मुस्कान"
जैसे ग़म की वजह तलाशते हो,मुझे भी तलाशों, कहीं खो ना जाऊँ मैं, मुझे पर भी ध्यान लगाओं.
जलसमाधि................
माना कि कुदरत की हर चीज़ बेहद सुन्दर है, ज़िंदा रहने के लिए इसकी बेहद ज़रूरत है, लेकिन क्या करें जब ये ही बिगड़ जाए, कितनी भी मिन्नतें कर लो, ये अपनी पर अड़ जाएं.
अप्रवासी..............
कौन रोक सकता है जाने वाले को, जब मन बना ही लिया है उसने समुद्र पार करने का, तो भला कोई कैसे रूक सकता है, देख के नम आँखों को.