rashi sharma
rashi sharma 11 Sep, 2022 | 1 min read

ज़िद्द...............

ज़िद्द करो अच्छे के लिए करो.

Reactions 0
Comments 0
409
rashi sharma
rashi sharma 10 Sep, 2022 | 0 mins read

सौंदर्य झांक रहा है....................

सीशा भी जिससे शर्मा जाएं, उसे देख हर कोई हैरान हो जाए, बड़ा वक्त लेकर बनाया है उसे, जिसे देख चांद भी शर्मा जाए.

Reactions 0
Comments 0
356
rashi sharma
rashi sharma 08 Sep, 2022 | 1 min read

नाराज़गी..................

गुस्से से भरा इंसान बेकाबू हो गया है, किस - किस को समझाएं हर कोई एक जैसा ही हो गया है.

Reactions 0
Comments 0
368
rashi sharma
rashi sharma 07 Sep, 2022 | 0 mins read

दिखावे की जद्दोजहद....................

जैसा दिखना चाहते हो वैसा बन जाओं, वरना जैसे हो वैसे दिखों भी.

Reactions 0
Comments 0
361
rashi sharma
rashi sharma 06 Sep, 2022 | 1 min read

मलाल...............

ना जीने देता है, ना मरने देता है, ऐ मलाल रोक देता है इंसान को, खुद में कैद कर लेता है.

Reactions 0
Comments 0
397
rashi sharma
rashi sharma 05 Sep, 2022 | 1 min read

शिक्षा.................

कोरे कागज़ पर छपा हर अक्षर कमाल का है, ज्ञान में डूबता बचपन एक चमत्कार सा है, उस पर जब कोई शिक्षक कहानी सुनाता है, हमारा फिर से बच्चा हो जाने को जी चाहता है.

Reactions 0
Comments 0
360
rashi sharma
rashi sharma 03 Sep, 2022 | 1 min read

मैं सीढी.............

हार - जीत से दूर में लोगों का साथ निभाता हूँ, मंज़िल दूर ही सही में हर प्रयास में ड़ट कर खड़ा रहता हूँ, मैं सीढी कितनों का सफर आसान करता हूँ.

Reactions 0
Comments 0
375
rashi sharma
rashi sharma 02 Sep, 2022 | 1 min read

"मुस्कान"

जैसे ग़म की वजह तलाशते हो,मुझे भी तलाशों, कहीं खो ना जाऊँ मैं, मुझे पर भी ध्यान लगाओं.

Reactions 0
Comments 0
379
rashi sharma
rashi sharma 01 Sep, 2022 | 0 mins read

जलसमाधि................

माना कि कुदरत की हर चीज़ बेहद सुन्दर है, ज़िंदा रहने के लिए इसकी बेहद ज़रूरत है, लेकिन क्या करें जब ये ही बिगड़ जाए, कितनी भी मिन्नतें कर लो, ये अपनी पर अड़ जाएं.

Reactions 0
Comments 0
377
rashi sharma
rashi sharma 30 Aug, 2022 | 0 mins read

अप्रवासी..............

कौन रोक सकता है जाने वाले को, जब मन बना ही लिया है उसने समुद्र पार करने का, तो भला कोई कैसे रूक सकता है, देख के नम आँखों को.

Reactions 0
Comments 0
375