गहराई................

बातों में गहराई है, व्यकत्तिव में समाई है.

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rashi sharma
rashi sharma 22 Aug, 2022 | 1 min read

गहरी होती है खाई,

पानी में भी है गहराई,

कुछ लोग भी होते है गहरें,

चुप - चाप से खुद में शांति को ओढ़े,


बातें करते है वो गहरी,

अल्फाज़ों में भी कोई हद ना छोड़ी,

खामोशी में भी वो बातें करते है,

आँखों की गहराई से वो हर जज़्बात बयान करते है,


मलंग है वो जो गहराई तक पहुँच गया,

देखें बेहतरीन नज़ारें फिर भी कायल ना हुआ,

खुशी में भी संयम दिखाता है,

खुद के भीतर खुश होता है,

खुद में ही मौन हो जाता है.

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