कभी तो...............

माना कि हम सबकुछ कर सकते है, हर चीज़ को हासिल कर सकते है, पर कभी तो ड़रना भी चाहिए, गलत सोच और गलत काम से गुरेज़ करना भी चाहिए.

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rashi sharma
rashi sharma 26 Aug, 2022 | 1 min read

माना की तुम हिम्मती बहुत हो, इसके साथ - साथ ज़िद्दी बहुत हो,

अपनी हर बात पर अड़ जाते हो तुम, ना मानने वाली बात पर भी हठधर्मी दिखाते हो तुम,

माना कि तुम हर बार गलत नहीं होते, वक्त ही ऐसा चल रहा है तुम्हारा वरना शायद तुम कुछ और ही होते,

कभी तो हार मान जाया करों, ऐ इंसान कभी तो ड़र जाया करों,


क्यों अपने ग़म खुद ही से छुपाते हो, किसी से कुछ कहते नहीं,

अपने आप में ही खो जाते हो, नादान है जो अपनी हंसी को भी छुपाता है,

रोता भी है तो गुप अंधेरे में, जैसे उजाले में कोई उसे रोकने आता है,

मानो मेरी बात कभी - कभी मुखौटा उतारना भी ज़रूरी है,

कब तक झूठ कहोगें खुद से, ऐ इंसान कभी तो भ्रम से ड़रना भी ज़रूरी है.



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