हम ज़मीन के मुसाफिर है, वो है हमें देखने वाला,
सारा जहान ही उसका है, मालिक है वो सबको सब कुछ देने वाला,
दिखता नहीं मगर महसूस होता है, उसकी शक्तियों का पल - पल आभास होता है,
चमत्कार करने मे तो वो माहिर है, जाताता नहीं पर भक्त को सब पता होता है,
ना संतों का है, ना महंतों का है, जो भी उसे दिल से याद कर लें, समझो वो बस उसी का है,
दौर बदलते है पर वो नहीं बदलता, आसपास ही रहता है खुद से दूर जाने नहीं देता,
हाथ जोड़ कर या झोली फैलाकर सभी सिर झुकाते है, भीड़ आती है कुछ ना कुछ मांगने,
पर कुछ हो जो सिर्फ मिलने आते है,
सबकी सुनता है वो, सबका ख़याल रखता है,
किसी को ज़्यादा नवाज़ता है तो किसी को कम में ही खुश कर देता है,
उसको जानने वाले उसकी मस्ती में मगन रहते है,
वो भी हो जाता है उन जैसा तभी तो दानों ही हर हाल में खुश रहते है.
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