Tejeshwar Pandey
23 Jun, 2020 | 1 min read
Manisha Bhartia
23 Jun, 2020 | 1 min read
Vineeta Dhiman
22 Jun, 2020 | 1 min read
Kusum Pareek
22 Jun, 2020 | 1 min read
छांव
पिता द्वारा असाधारण परिस्थितियों में ,पुत्री पर किये गये विश्वास की कहानी
0
2
537
Shah طالب अहमद
21 Jun, 2020 | 0 mins read
रिश्तों की नोकझोंक।...
इल्ज़ाम के दौर में एहतराम किसे पसंद आता है। मज़ाक की हद रखें , कम अग़र सब्र का माद्दा है। गिरेबान में खुद के कहाँ किसी ने झांका है। गलतियों की फेहरिस्त में खुदको सबने कम आंका है। अपनी और अपनों की गलती में,होता अपना ही घाटा है। ऐसे हालातों में रिश्ता तो रहता है ,मगर भरोसा टूट जाता है।
2
9
1061
Ektakocharrelan
21 Jun, 2020 | 1 min read
पिता सघंर्षो का वो मोती
पिता संघर्षों का वह मोती जो ना कभी थके ना कभी रुके
2
2
544
Ektakocharrelan
21 Jun, 2020 | 1 min read
बाबा
तेरे आशीर्वाद से ज्यादा न कुछ चाहूँ,तुम्हीं जमीं तुम्हीं आसमां बाबा।
0
0
598
Ektakocharrelan
21 Jun, 2020 | 1 min read
पापा मुझे बड़ा नहीं बनना
पापा मुझे बड़ा नहीं बनना छोटी हूं छोटी ही रहने दो मुझे बड़ा नहीं बनना
0
0
521