हीरे मोती माल खजाने न हार चाहिए,
दुकान मकान न ही मुझे कार चाहिए।।
आज मेरी आवाज सुन ले हे खुदा,
मुझे हर जन्म पिता का प्यार चाहिए।।
न चाहिए गालिब न ही गुलजार चाहिए,
न हवा के झोंके न कोई बहार चाहिए।।
मेरे जीवन के खुदा है मेरे पिता,
मुझे हर जन्म मेरे पिता का प्यार चाहिए।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
भावपूर्ण रचना
शुक्रिया भाई🙏🙏🙏
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