rashi sharma
24 Dec, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
22 Dec, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
14 Dec, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
10 Dec, 2022 | 0 mins read
अहंकार ही खता...................
अहंकार, गुरूर, घंमण्ड़ बहुत खराब है, इंसान समझता है ऐ ही उसके हथियार है, तबाह कर देते है ऐ जीते जी, मरने के बाद भी सज़ा सुनाते है.
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rashi sharma
09 Dec, 2022 | 0 mins read
तेरी आरज़ू..........................
तेरी आरज़ू.................
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rashi sharma
30 Nov, 2022 | 1 min read
शायरों की बस्ती....................
वो गली हमारी है, जहां हम और हमारी कलम रोज़ाना कुछ नया लिखते है, कुछ सुना देते है लोगों को, कुछ को ज़हन में ही दफन कर देते है.
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rashi sharma
26 Nov, 2022 | 1 min read
नज़रों का फर्क....................
आँखों में चकरा नहीं, सोच में है, कम्बख्त हम सोच पर पहरा नहीं लगाते, लेकिन नज़रों पर पर्दा गिरा देते है.
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