
rashi sharma
12 Nov, 2022 | 1 min read


rashi sharma
09 Nov, 2022 | 0 mins read

Ravi Kant Chaturvedi
01 Nov, 2022 | 4 mins read


rashi sharma
01 Nov, 2022 | 1 min read
संतुलन..................
ऐ वो चीज़ नहीं जो हाथों में होती है, ऐ तो वो चीज़ है जो हर दफा, सोच से बाहर होती है.
0
0
526

rashi sharma
31 Oct, 2022 | 0 mins read
सवालों का सिलसिला.................
सवालों का घेराव बड़ा ज़टिल है, बुनता रहता है नए जाल, ज़िन्दगी को फंसाने के लिए.
0
0
559

rashi sharma
28 Oct, 2022 | 0 mins read
गुस्से का कहर..................
हिस्सा है इंसान का, महसूस होता है जज़्बात सा, ड़रते है इससे पर कुछ कर नहीं पाते, भागना चाहते है इससे पर भाग नहीं पाते.
0
0
569

rashi sharma
27 Oct, 2022 | 1 min read
मेरी दुनिया.............
जितने लोग उतने ही ख्वाब होते है, एक ही दुनिया में अनगिनत संसार होते है.
1
0
562

rashi sharma
18 Oct, 2022 | 0 mins read
इस दफा हम.................
खुद पर भरोसा करना आ गया, हमें गुमराह करने वालो, हमें रास्ता ढूढ़ना आ गया.
0
0
654
Ravi Kant Chaturvedi
16 Oct, 2022 | 4 mins read
Who was the real culprit?
The Protagonist is caught up in a dilemma. Either he can choose to do what he has been taught is right Or he can help his friend out of a tricky situation.
0
0
527