Ravi Kant Chaturvedi
01 Nov, 2022 | 4 mins read
rashi sharma
01 Nov, 2022 | 1 min read
rashi sharma
31 Oct, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
27 Oct, 2022 | 1 min read
मेरी दुनिया.............
जितने लोग उतने ही ख्वाब होते है, एक ही दुनिया में अनगिनत संसार होते है.
1
0
344
rashi sharma
18 Oct, 2022 | 0 mins read
इस दफा हम.................
खुद पर भरोसा करना आ गया, हमें गुमराह करने वालो, हमें रास्ता ढूढ़ना आ गया.
0
0
429
Ravi Kant Chaturvedi
16 Oct, 2022 | 4 mins read
Who was the real culprit?
The Protagonist is caught up in a dilemma. Either he can choose to do what he has been taught is right Or he can help his friend out of a tricky situation.
0
0
329
rashi sharma
16 Oct, 2022 | 0 mins read
बाती..................
उम्मीदों का चिराग जलाए रखना, खोले रखना दरवाज़े, आशा की लौ जलाए रखना.
0
0
314
rashi sharma
15 Oct, 2022 | 0 mins read
अंतहीन नसीहतें..................
दिक्कत नहीं है सलाह लेने में, ना सुनने में ना खामोश रहने में, हर बार एक ही बात कानों में चुभने लगती है, फिर इंसानों को नसीहतों से खिज लगने लगती है.
0
0
432
rashi sharma
14 Oct, 2022 | 1 min read
समाज अनूठा आइना.............
कहते वाले बहुत है, मगर मानता कोई नहीं, धस गए है खुद में हम, मगर समझता यहाँ कोई नहीं.
1
0
326