अंतहीन नसीहतें..................

दिक्कत नहीं है सलाह लेने में, ना सुनने में ना खामोश रहने में, हर बार एक ही बात कानों में चुभने लगती है, फिर इंसानों को नसीहतों से खिज लगने लगती है.

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rashi sharma
rashi sharma 15 Oct, 2022 | 0 mins read

कुछ करों या ना करों, जियों या फिर मर जाओं,

ऐ कभी खत्म नहीं होती है, चला जाता है इंसान दुनिया से,

लेकिन ज़ुबानें बंद नहीं होती,


वैले रहो तो पूछते है तुम कुछ क्यों करते नहीं,

नसीहतों में सलाह शामिल कर देते है,

फिर पूछते है कहीं तुम्हें ऐ बात दिल पर तो नहीं लग गई,

काम करो तो ऐसे नहीं ऐसे करो की बात करते है,

सफलता में आगे रहने वाले,

असफलता में पीछे रह कर नसीहतें करते है.


जाने के बाद भी हमारी बातें होती है,

पहले बुराई करते थे पीठ पीछे,

जाने के बाद सरेआम होती है,

हम समझ गए कि ऐ बाज़ार कभी अंत नही होगा,

एक बंद होगा तो दूसरा शुरू होगा.



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