rashi sharma
rashi sharma 08 Aug, 2022 | 1 min read

ग़मगीन है.................

खत्म नहीं होता ग़म, बस गुज़र जाता है, अगले ही पल में वापस आ जाता है, माना कि तेरे ना होने से खुशी का एहसास कैसे होगा, पर तू भी सोच तेरे साथ लम्बें अर्से तक जीना कितना मुश्किल होगा.

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rashi sharma
rashi sharma 06 Aug, 2022 | 1 min read

"मोह - माया"

अपना सपना मनी - मनी, मोह - माया में ज़िन्दगी घिरी.

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rashi sharma
rashi sharma 05 Aug, 2022 | 1 min read

लहरे..............

मौज - मस्ती भी इसकी पहचान है, शांत रहना भी इसका काम है, मूड़ तो ऐसे बदलती है, जैसे इनमें भी जज़्बात है.

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rashi sharma
rashi sharma 04 Aug, 2022 | 1 min read

वो एक दिन..............

वो एक दिन उम्मीद का, वो एक दिन इंतज़ार का, वो एक दिन सपनों के पूरे हो जाने का, वो एक दिन मेरे खुद में ही मिल जाने का.

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rashi sharma
rashi sharma 02 Aug, 2022 | 1 min read

मैं और वो............

काश झगड़ा भी बच्चों वाला होता, एक मुस्कान या टाॅफी पर सुलझ गया होता.

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rashi sharma
rashi sharma 01 Aug, 2022 | 0 mins read

"क्या फर्क पड़ता है"

हो ना हो हमें पता है, पूरा तो नहीं पर थोड़ा तो पता है.

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