मैं और वो............

काश झगड़ा भी बच्चों वाला होता, एक मुस्कान या टाॅफी पर सुलझ गया होता.

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rashi sharma
rashi sharma 02 Aug, 2022 | 1 min read

मैं और वो अक्सर साथ होते है,

मौका कोई भी हो हम हमेशा बात करते है,

कभी वो मेरी सुनता है, कभी मैं उसकी सुनता हूँ,

दोनों ही एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते है,


मैं और वो रोज़ाना ही छत पर चले जाते है,

कोई बात ना भी हो करने की तो हम दोनों,

चाँद - तारों पर कविताएं बनाते है,

ज़रिया है हमारा वो मुलाकात करने का,

अपनी लम्बी रात को और भी लम्बा करने का,


मैं और वो मगन है एक दूसरे के साथ में,

खेल - कूद में इधर - उधर की बातों में,

दूर है हम दोनों बड़े होने की परछाई से,

कलह से और इधर - उधर की बुराई से.


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