Resmi Sharma (Nikki )
resmi7590
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कुछ भी नहीं हूं फिर भी बहुत कुछ हूं बहुतों के लिए
रंग बसंती आई है
बसंत के आते ही हर ओर मानों खुशहाली बिखर जाती है।रंग बिरंगे फुल खिलखिलाकर मानों हमें खुश रहने का इशारा कर रहे हैं।
मुक्ति
बुढ़ापा तो सभी का आएगा ये क्यों भूल जाते हैं लोग।बुढ़ापे के दुख को सहने से अच्छा जीवन से मुक्ति ही है
रिश्ते यूं ही नहीं बनते
रिश्तें बनी रहे इसके लिए प्यार, मान, सम्मान लेना और देना दोनों आना चाहिए
अपनों का साथ फिर जागा विश्वास
तनाव के दिनों में साथ हो परिवार का तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।
पिता - परिवार का मजबूत स्तंभ
पिता परिवार का स्तंभ है जिसपर पुरा परिवार टिका होता है सुरक्षा की अनुभूति के साथ।
#Fathersday
प्रकृति के ह्रदय को भेद कर क्या पाओगे -- केवल विनाश*
जंगलों को काटना विनाश की ओर ले जाना है आनेवाले दिनों में।
*पीपल, नीम, तुलसी अमुल्य धरोहर हैं धरा पर इनका रखें ख्याल*
*पीपल, नीम, तुलसी अमुल्य धरोहर हैं धरा पर आप इनका ख्याल रखें ,ये आपका ख्याल रखेंगें*
महामारी से सबक लो अब भी वक्त है सभंल लो"
महामारी के इस दौर में कुछ लोग स्वार्थी बने बैठे हैं।जागो अब भी वक्त है सभंल लो।