रंग बसंती आई है

बसंत के आते ही हर ओर मानों खुशहाली बिखर जाती है।रंग बिरंगे फुल खिलखिलाकर मानों हमें खुश रहने का इशारा कर रहे हैं।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 07 Feb, 2022 | 1 min read

पीत आभा से सजी रंग बसंती फिर आई है।

बाग बगीचे चहक रहे मन पुलकित हो आई है।।

वसुंधरा सुसज्जित होकर मतवाली चहक रही।

आलौकिक अपूर्व धरा हर ओर मस्ती छाई है।।


स्वर्णिम अनुपम धरा पर शीतल हवाएं आई है।

कहीं गेंदा, कहीं सरसों से धरा फीर मुस्काई है।।

मस्त पवन लगे तन को याद पिया फिर आई है।

चुनर ओढ़ देखो धरा, आज खिलखिलाई है।।

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Resmi Sharma (Nikki )

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