Aarti Kushwah
24 Aug, 2023 | 0 mins read
मुठ्ठी भर आशाएँ
अक्सर सभी ने सुना होगा कि आपको आपसे बेहतर कोई नहीं जानता ,इसीलिए अपनी क्षमताएं पहचानिए और हर रोज़ आगे बड़ते रहिए ।
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Aarti Kushwah
10 Apr, 2023 | 1 min read
Aarti Kushwah
23 Feb, 2023 | 1 min read
दिल और दिमाग
यहाँ दिल और दिमाग के जैविक पहलु पर ध्यान ना देते हुए बस दोनों का भावनात्मक संवाद हुआ है ।
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Aarti Kushwah
26 Jan, 2023 | 0 mins read
Aarti Kushwah
26 Jan, 2023 | 0 mins read
Aarti Kushwah
18 Dec, 2022 | 1 min read
Aarti Kushwah
15 Dec, 2022 | 1 min read
क़िरदार
अपनी ज़िंदगी को ज़ाया मत कीजिए । मानव होने का क़िरदार ईमानदारी से निभाइए और मानवता को सरोकार कीजिए ।
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Aarti Kushwah
20 Nov, 2022 | 1 min read
कलयुगी इंसान
इंसानियत कम होती जा रही है । हमें वही मानव बने रहना है जो भगवान ने बनाया है, कलयुग में हमें कलयुगी इंसान नहीं बनना है ।
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Aarti Kushwah
13 Nov, 2022 | 0 mins read
ए ज़िंदगी
अजीब खेल हैं ज़िंदगी के । किसी को खेलना सिखा जाती है, तो किसी को निराश कर जाती है ।
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Aarti Kushwah
21 Oct, 2022 | 0 mins read
बेवाक़ परिंदा
परिंदे को उड़ने दीजिए , यही उसका जीवन है । कोशिश कीजिए कि कहीं किसी बेवाक़ परिंदे को कैद ना किया जाए ।
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