एक दिन बहुत ही उदास मन और नम आँखों के साथ दिल दिमाग से कहता है कि अक्सर कठिन परिस्थितियों में लोग तुम्हारे बारे में कहते हैं कि दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया है, तुम तो कभी भी परिस्थितियों को देखकर इन्सान का साथ छोड़ देते हो। तुमने शायद ही कभी सुना हो कि कोई बोले कि मेरा दिल काम नही कर रहा है ? मैं तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में इन्सान का हर कदम पर साथ देता हूँ । लोग दुख में हों, सुख में हों, निराश हों, उल्लास में हों, मैं कभी किसी परिस्थिति में भेद नहीं करता और हमेशा धड़कन बनकर अपना काम करता रहता हूँ । तुम तो इन्सान से conditional love करते हो , जबकि मेरा इन्सान के प्रति unconditional love है । कभी इन्सान बैचेन हो तो मैं भी बैचेन हो जाता हूँ, खुश हो तो मैं भी उल्लास से भर जाता हूँ लेकिन हर कदम पर साथ जरुर देता हूँ । फिर भी ज़िंदगी के हर फ़ैसले पर तुम्हारा ही वर्चस्व रहता है । मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी तरह मेरा भी हर फ़ैसले पर वर्चस्व हो , बस इतना चाहता हूँ कि अगर किसी की ज़िंदगी और मौत का प्रश्न हो तो इस फ़ैसले में तुम मेरा साथ दो , जिससे मैं किसी की धड़कन बनकर हमेशा उसके साथ रहूँ।
दिल और दिमाग
यहाँ दिल और दिमाग के जैविक पहलु पर ध्यान ना देते हुए बस दोनों का भावनात्मक संवाद हुआ है ।
Originally published in hi
Aarti Kushwah
23 Feb, 2023 | 1 min read
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