Moumita Bagchi
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हिन्दुस्तान में बढ़ते तलाक: एक दूसरा पहलू
तलाक का एक अन्य परिप्रेक्ष्य: संपूर्णतः नया एक दृष्टिकोण
तेरे बिना भी क्या जीना ( अंतिम भाग)
आशीष तो लौट जाता है, पर क्या आशीष और माहिरा कभी मिल पाते हैं? या आशीष लिज़ा के पास ही लौट जाता है। जानने के लिए पढ़िए इस भाग को।
तेरे बिना भी क्या जीना- 15
माहिरा घर जाने लगती है तो रास्ते में कुछ ऐसा होता है कि उसकी जिन्दगी बदल जाती है।
तेरे बिना भी क्या जीना- 14
माहिरा को आज काॅलेज में काम करते हुए ज़रा देर हो गई थी। घर के लिए निकलते- निकलते रात के आठ बज गए थे। वह आज बहुत खुश थी, इतनी बड़ी खुशखबरी जो उसे मिल गई थी।
तेरे बिना भी क्या जीना-12
माहिरा के चाचाजी ने कहाँ पर उसकी शादी फिक्स कर दी? वह कोई बोझ तो थी नहीं किसी पर!
तेरे बिना भी क्या जीना -11
आशीष बन ठनकर चीकू के साथ माहिरा की शादी में पहुँचता है। वहाँ पर ऐसा क्या होता है कि आशीष की पूरी जिन्दगी में उथल- पुथल पैदा हो जाता है।
तेरे बिना भी क्या जीना-10
कई रोज़ से लिज़ा से संपर्क नहीं हो पा रहा था। अक्सीडेंट के बाद आशीष ने सब बताकर से एक मेल डाला था, पर उसका भी कोई जवाब नहीं मिला। क्या वजह हो सकती है?
तेरे बिना भी क्या जीना- 9
आशीष पिताजी के कमरे में जाकर क्या देखता है? किस अंजान नंबर से हर जन्मदिन को उसके पास संदेश आता है?