Ektakocharrelan

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You can follow me on my page https://www.facebook.com/Poem-ektaanjli-118490506215875/ कभी कल्पना तो कभी हकीकत को छू लेती हूं जो महसूस करती हूं उसे शब्दों में पिरों लेती हूं मुमकिन नहीं कि रख पाऊं आपके सम्मुख हर बात पर कोशिश करके देख लेती हूं जीवन परिचय नाम-एकता कोचर रेलन पति का नाम - श्री रोहताश रेलन जन्म एवं जन्म स्थान - 6 जुलाई, रोहतक पता - सोनीपत,हरियाणा शैक्षणिक योग्यता- पोस्ट ग्रेजुएट- 1.हिंदी 2. जनसंपर्क एंड मैनेजमेंट 3.जनसंचार व एम एड रचनाकार-कविता,मुक्तक,संस्मरण प्रकाशन/प्रसारण - - अनेक सांझा संकलनों में कविताओं का प्रकाशन। समाचार पत्रों में कविताओं का प्रकाशन। हरिभूमि समाचार पत्र व आकाशवाणी रोहतक में कुछ समय तक कार्य रत। बहुत से सम्मान पत्र भी प्राप्त।

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Ektakocharrelan 30 Aug, 2020 | 1 min read

मैं बोझ नही हूँ माँ

मैं बोझ नही हूं माँ नन्हें हाथों को मेरे महसूस करो माँ

#Family #Poetry blast #Equality #Mother's love #Self respect

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Ektakocharrelan 30 Aug, 2020 | 1 min read

बूढ़ी माँ

बस तेरे घर का एक कोना चाहती हूँ बूढ़ी माँ बोली लाल !मत भेजों वृद्धाश्रम, बस तेरे घर का इक कोना चाहती हूँ।

#Blessings #Old parents #Family #Poetry blast #Mother's love

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Ektakocharrelan 15 Aug, 2020 | 1 min read

मेरे सपनों का भारत

मेरे सपनों का भारत स्वच्छ बनाना चाहती हूँ, #लिए तिरंगा हाथ में स्नेह हर अंतस में जगााना चाहती हूँ।

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Ektakocharrelan 15 Aug, 2020 | 0 mins read

चैन ओ अमन चाहती हूँ

चैन ओ अमन चाहती हूँ मैं अंशाति नही शांति चाहती हूँ धरा से आसमां तक उड़ना चाहती हूँ मैं चैन ओ अमन चाहती हूँ

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Ektakocharrelan 14 Aug, 2020 | 1 min read

हम युवा है भारत के

नफ़रत की भाषा को अब हम भुला देगे। हम युवा है भारत के गुलशन महका देगे।।

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Ektakocharrelan 11 Aug, 2020 | 1 min read

मैं अक्सर चुप रहती हूँ

मैं अक्सर चुप रहती हूँ, बोल नहीं पाती कौई अपशब्द। मेरा अंतःकरण पी लेता है, हर दुख हर दर्द खुद ही। अपनों की खातिर सहेजती हूँ घर को , और फिर अधरों पर लाती हूँ मुस्कान

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Ektakocharrelan 11 Aug, 2020 | 1 min read

ओ मेरे कान्हा!

ओ मेरे कान्हा! ओ मेरे कान्हा! #जन्माष्टमी पर्व पर, तू सुन हर उस मन की पुकार। जिस अँगना न गूंजी , तेरे पायल की झंकार। तू आ! नन्ने- नन्ने कदमों से , बजा पायल की झंकार।

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Ektakocharrelan 05 Aug, 2020 | 1 min read

जय श्री राम

जय श्री राम रोम रोम में रमें राम , हर ह्रदय में आए हैं। देख अयोध्या की खिड़की से, रघुवर मंद -मंद मुस्काए हैं।

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Ektakocharrelan 03 Aug, 2020 | 1 min read

मेरे वीर

सलमात रहे मेरे वीर, जुग-जुग जिएं मेरे वीर । इन पर मैं वारी जाऊं, ये सुखी तो मुझे सुकून।

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Ektakocharrelan 02 Aug, 2020 | 1 min read

प्यारी दोस्त

भूले कैसे वो याराना, खुशी -गम का तराना।

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