Ektakocharrelan
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You can follow me on my page https://www.facebook.com/Poem-ektaanjli-118490506215875/ कभी कल्पना तो कभी हकीकत को छू लेती हूं जो महसूस करती हूं उसे शब्दों में पिरों लेती हूं मुमकिन नहीं कि रख पाऊं आपके सम्मुख हर बात पर कोशिश करके देख लेती हूं जीवन परिचय नाम-एकता कोचर रेलन पति का नाम - श्री रोहताश रेलन जन्म एवं जन्म स्थान - 6 जुलाई, रोहतक पता - सोनीपत,हरियाणा शैक्षणिक योग्यता- पोस्ट ग्रेजुएट- 1.हिंदी 2. जनसंपर्क एंड मैनेजमेंट 3.जनसंचार व एम एड रचनाकार-कविता,मुक्तक,संस्मरण प्रकाशन/प्रसारण - - अनेक सांझा संकलनों में कविताओं का प्रकाशन। समाचार पत्रों में कविताओं का प्रकाशन। हरिभूमि समाचार पत्र व आकाशवाणी रोहतक में कुछ समय तक कार्य रत। बहुत से सम्मान पत्र भी प्राप्त।
मैं बोझ नही हूँ माँ
मैं बोझ नही हूं माँ नन्हें हाथों को मेरे महसूस करो माँ
#Family #Poetry blast #Equality #Mother's love #Self respect
बूढ़ी माँ
बस तेरे घर का एक कोना चाहती हूँ बूढ़ी माँ बोली लाल !मत भेजों वृद्धाश्रम, बस तेरे घर का इक कोना चाहती हूँ।
#Blessings #Old parents #Family #Poetry blast #Mother's love
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत स्वच्छ बनाना चाहती हूँ, #लिए तिरंगा हाथ में स्नेह हर अंतस में जगााना चाहती हूँ।
चैन ओ अमन चाहती हूँ
चैन ओ अमन चाहती हूँ मैं अंशाति नही शांति चाहती हूँ धरा से आसमां तक उड़ना चाहती हूँ मैं चैन ओ अमन चाहती हूँ
मैं अक्सर चुप रहती हूँ
मैं अक्सर चुप रहती हूँ, बोल नहीं पाती कौई अपशब्द। मेरा अंतःकरण पी लेता है, हर दुख हर दर्द खुद ही। अपनों की खातिर सहेजती हूँ घर को , और फिर अधरों पर लाती हूँ मुस्कान
ओ मेरे कान्हा!
ओ मेरे कान्हा! ओ मेरे कान्हा! #जन्माष्टमी पर्व पर, तू सुन हर उस मन की पुकार। जिस अँगना न गूंजी , तेरे पायल की झंकार। तू आ! नन्ने- नन्ने कदमों से , बजा पायल की झंकार।
जय श्री राम
जय श्री राम रोम रोम में रमें राम , हर ह्रदय में आए हैं। देख अयोध्या की खिड़की से, रघुवर मंद -मंद मुस्काए हैं।
मेरे वीर
सलमात रहे मेरे वीर, जुग-जुग जिएं मेरे वीर । इन पर मैं वारी जाऊं, ये सुखी तो मुझे सुकून।