प्यारी दोस्त

भूले कैसे वो याराना, खुशी -गम का तराना।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 02 Aug, 2020 | 1 min read

प्यारी दोस्त,


भूले कैसे वो याराना,

खुशी -गम का तराना।


रोज घंटों छत पर बिताना,

तुम बिन मेरी शाम न थी।


जाने कितनी बातें करती है,

 बतियाते -बतियाते ना थकती।


हंसते-हंसते बल पढ़ते यारा ,

जीने का था अनोखा तराना ।


तुम बिन मेरी शाम न थी,

 अब हम थोड़े उलझ गए।


 अपने घरों में हाँ जकड़ गए,

जन्मदिन पर बचपन याद आता है ।


हर पल तुम संग मुस्काना हां !सब याद आता है ,

वो पल थे बड़े सुहाने हां! सब याद आता है।


एकता कोचर रेलन



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