मैं बोझ नही हूँ माँ

मैं बोझ नही हूं माँ नन्हें हाथों को मेरे महसूस करो माँ

Originally published in hi
Reactions 1
632
Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 30 Aug, 2020 | 1 min read
Family Poetry blast Equality Mother's love Self respect

बोझ नही हूं माँ🌺

मैं बोझ नही हूं माँ

 नन्हें हाथों को मेरे 

महसूस करो माँ

 मुझसे मुंह मत मोड़ों माँ

भैया ही नही अब मैं भी

बुढ़ापे का सहारा हूं माँ

तेरी हर रूह से जुड़ी

करुंगी ना तुझसे किनारा माँ

जब मैं तुझको मां बोलूंगी 

मीठे अपने बोल से

 तेरे कानों में मिश्री मै घोलूंगी

तू मुझे अपना हर दर्द कहेगी

 हर दर्द का सहारा बनूंगी मैं

मुझसे मुंह मत मोड़ों माँ

हिम्मत थोड़ी जुटा ले आज

कर सामना डट कर तूं

दुनिया को विश्वास दिला दे तू

बेटियों से ही हर घर

 रोशन आज

बेटा साथ रहे ना रहे

बेटी ना झुकने दे

 तेरे सिर का ताज👑

समझ ले तू , 

समझा दे सबको

अपने सम्मान को ना झुकने दे आज

नन्हें हाथ तुझे पुकारें

तू सुन ना माँ

मैं तेरे हृदय की धड़कन

मुझसे मुंह मत मोड़ों माँ

एकता कोचर रेलन

1 likes

Published By

Ektakocharrelan

ektakocharrelanyw9l4

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.