जय श्री राम

जय श्री राम रोम रोम में रमें राम , हर ह्रदय में आए हैं। देख अयोध्या की खिड़की से, रघुवर मंद -मंद मुस्काए हैं।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 05 Aug, 2020 | 1 min read

जय श्री राम


रोम रोम में रमें राम ,

हर ह्रदय में आए हैं।


देख अयोध्या की खिड़की से,

रघुवर मंद -मंद मुस्काए हैं।


कितने पावन कितने निर्मल,

 फूल भी हर ओर महक आये हैं।


दिएं से शोभित हर घर -आंगन ,

ईश कण-कण में समाये है।


हर्षित हर मन प्रभु श्रीराम आये हैं ,

मधुर भाव हर मन में जगाएं है।


बाट जोह रहे थे प्रभु प्रीत में कब से, 

तृप्त कर मन तपन सबकी मिटाएं हैं


खुशियों के घर-घर में दीपक जलाएं हैं

 प्रभु श्रीराम हर ह्रदय आएं है।


ह्रदय से नमन प्रभु वैरभाव मिटाएं है

लखन सिया संग जन को पावन करने आएं है।


एकता कोचर रेलन

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