मेरे वीर

सलमात रहे मेरे वीर, जुग-जुग जिएं मेरे वीर । इन पर मैं वारी जाऊं, ये सुखी तो मुझे सुकून।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 03 Aug, 2020 | 1 min read

मेरे वीर

सलमात रहे मेरे वीर,

जुग-जुग जिएं मेरे वीर ।

इन पर मैं वारी जाऊं,

ये सुखी तो मुझे सुकून।

निश्छल इनका प्यार है,

सर आंखों पर बिठाते हैं।

खूब लाड़ लड़ाते हैं ,

देख कर मुझको खुश-

ये खुश हो जाते हैं ।

तकलीफ़ में ये,

कभी बरगद बन जाते हैं।

कभी मोम सा पिघल जाते हैं।

बचपन की वो प्यारी यादें,

कभी झगड़ते कभी समझते।

कभी न करते थे बात,

जीने के थे अलग अंदाज ।

पर ये मेरी खुशियों का राज़,

सुख-दुख में साथ खड़े हैं।

अटूट बंधन में बंधे है,

बहना की है यही दुआएं।

सलामत रहे मेरे वीर,

जुग-जुग जिए मेरे वीर।

एकता कोचर रेलन


 

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