ARCHANA ANAND
archana2jhs
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Proud mother of a lovely daughter,a neophyte poet,an inquisitive writer and an ardent reader. Books are my weakness and words are my power.I am the abandoned child of Minerva.
कोई बता दे !
आज देखती हूँ हर राह, हर सड़क ,हर चौराहे पर प्रेम चिर शाश्वत प्रेम का यह रूप नहीं देखा था पहले ...अपरिमित प्रेम को परिभाषित करने की कोशिश करती कविता
##poetryblast
वो घबराहट भरा नृत्य
दुर्गा पूजा जितनी भव्य है यहाँ की ,उतने ही शानदार यहाँ के रंगारंग कार्यक्रम भी हैं जो इस अवसर पर आयोजित किए जाते हैं।ऐसे ही एक आयोजन पर लिखा एक खूबसूरत सा संस्मरण
##Inspiration
दिल ढूंढता है
बचपन हमें भले ही छोड़कर चला जाता है लेकिन हम कभी भी बचपन को नहीं भुला पाते।बचपन की मीठी यादें एक भीनी सी खुशबू की तरह हमारे मन को महकाती रहती हैं।इसी निराले से बचपन पर यह मीठी सी कविता
##poetryblast
प्रेम और माटी
इस भीगी माटी की सुगंध में तैरती हैं कुछ अदृश्य कविताएं, कुछ अमिट पदचिह्न जो कभी हमारे तुम्हारे साझा बने थे ...चिर शाश्वत प्रेम पर लिखी मिट्टी सी सोंधी कविता
##poetryblast
अरे,हमने तो कुछ खाया ही नहीं
पूरी के बगल में रसगुल्ले, नीचे से सब्जी का रसा बहा जा रहा था।चटनी और इमरती स्वाद की रौनक अलग बढ़ा रहे थे।ज़्यादा तो ये खाती नहीं, सो ......
##Comedy
माँ
माँ पर क्या लिखा जाए,उसने तो स्वयं हमें लिखा है।पर फिर भी कुछ लिखने का साहस किया है, सिर्फ़ प्रेमवश...पढ़िएगा ज़रूर
##lifetales ##parents
गुलज़ार ज़रा मुझसे कह दो !
विलक्षण कवि एवं शायर गुलज़ार साहब को उनके जन्मदिन पर मेरी सप्रेम भेंट ☘☘
##Inspiration ##an ode to the maestro
जी ले ज़रा
पति के सहयोग से दुनिया जीती जा सकती है लेकिन जब पति ही कटघरे में खड़ा कर दे तो कोई कहाँ जाए? चुपचाप सोने चली आई मेघा... आँखों में सावन - भादो तैरने लगे।
##Social issues ##Inspiration
माँ भारती
जब तक माँ भारती की आत्मा ऐसी परतंत्र है कैसे मान लूँ मैं भला कि देश अपना स्वतंत्र है !
##contest ##motherindia
परजीवी
सुंंदर लतायुग्मों से युक्त ये बलखाते पादप आपको मोह लेते हैं अपनी कमनीयता से ठीक वैसे ही जैसे ...................
##lifetales