वो घबराहट भरा नृत्य

दुर्गा पूजा जितनी भव्य है यहाँ की ,उतने ही शानदार यहाँ के रंगारंग कार्यक्रम भी हैं जो इस अवसर पर आयोजित किए जाते हैं।ऐसे ही एक आयोजन पर लिखा एक खूबसूरत सा संस्मरण

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ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 30 Aug, 2020 | 1 min read
#Inspiration

शादी के बाद जब पति का तबादला बंगाल हुआ तो बहुत सी नई चीज़ों से परिचय हुआ।उनमें से एक था संस्कृति के प्रति बंगालियों का झुकाव जो मुझे बहुत आकर्षित करता।दुर्गा पूजा इनका साल भर का सबसे बड़ा महोत्सव था जो अपने भव्य स्वरूप से मन मोह लेता।


दुर्गा पूजा जितनी भव्य है यहाँ की, उतने ही शानदार होते हैं यहाँ इस अवसर पर होने वाले रंगारंग कार्यक्रम भी जिसमें सभी लोग बढ़ चढ़कर शिरकत करते हैं।कुछ दिनों तक तो मैं इन सबसे निस्पृह बनी रही लेकिन धीरे धीरे बंगाल का जादू मेरे सर चढ़कर भी बोलने लगा।


ऐसी ही एक पूजा में मेरी एक सहेली ने मुझे अपने साथ नृत्य करने का अनुरोध किया जिसे मैं टाल नहीं पाई।फिर हमारी कोरियोग्राफर के इशारे पर हम प्रैक्टिस करने लगे।मैं कंप्लीट नॉन डांसर थी और ऊपर से स्टेज फीवर भी,वो बहुत मेहनत करतीं पर मैं उतना अच्छा डांस नहीं कर पाती।ऊपर से मेरी तमाम मेहनत के बावजूद जब सभी मुझमें कमियाँ निकालते तो मैं हीनभावना से भर उठती।


कार्यक्रम में केवल दो दिन शेष बचे थे कि तभी मेरे यहाँ कई सारे मेहमान आ गए।नतीजा ये हुआ कि मैं आख़िरी दिन प्रैक्टिस करने जा ही नहीं पाई।मुझे मुझसे ज़्यादा बुरा मेरी सहेली के लिए लग रहा था जो मेरी डांस पार्टनर थी। लेकिन मेरी सहेली जो कि बहुत सकारात्मक थी,लगातार मेरा उत्साहवर्द्धन करती रही।कार्यक्रम वाले दिन जब मैं ग्रीन रूम में आई तो तैयार होते समय पसीने से तरबतर थी और कांप रही थी।हमारी कोरियोग्राफर ने जब मुझे देखा तो मेरी हालत समझ गईं।उन्होंने मेरे कानों में कहा - "भाभी,जब डांस करो तो भूल जाना कि लोग आपको देख रहे हैं, आप बस अपनी धुन में नाचना।


आख़िरकार, वो समय भी आ गया जब मैं स्टेज पर खड़ी थी।मेरी टांगें काँप रही थीं और मैं आँखें मूंद कर माँ दुर्गा का स्मरण कर रही थी।तभी गीत बज" ढाकेर तोले,कोमोर दोले,खुशी से नाचे मोन और मैं खुशी से झूम उठी।उस दिन मैं सचमुच सबकुछ भूलकर बस आनंद में नाचती रही, पूरे दस मिनट का ये समय हम दो सखियों का था, सिर्फ़ हमारा!

जब डांस खत्म होने पर पूरी दर्शक दीर्घा ने खड़े होकर तालियाँ बजाईं तो मेरी खुशी की सीमा न थी।मेरे पति और बेटी की आँखों में खुशी के आँसू थे और उस दिन मुझे विश्वास हो गया कि अगर आप तय कर लें तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती।अशेष!

©अर्चना आनंद भारती




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ARCHANA ANAND

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • ARAVIND SHANBHAG, Baleri · 4 years ago last edited 4 years ago

    Jai durga mayya ki

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बहुत आभार आपका

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