rashi sharma
24 Nov, 2022 | 0 mins read
बिगड़ता नहीं मैं..................
ना बुरी लत है, ना ही समय की बेकद्ररी, मैं हूँ समझदार सा, बिगड़ैल नहीं.
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rashi sharma
23 Nov, 2022 | 0 mins read
मैं और पन्नें...................
अजनबी सा किस्सा है, हम दोनों मैं एक दूसरे का कुछ हिस्सा है, मिलते है मगर मिलान नहीं होता, ऐ कागज़ तू कभी शिकायत क्यों नहीं करता.
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rashi sharma
22 Nov, 2022 | 0 mins read
चलो अभ्यास करें...................
चलों अभ्यास करें.
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rashi sharma
11 Nov, 2022 | 0 mins read
किरण...............
उसे पता है उसके महत्व का, तभी तो भाव खाता है, इंतज़ार करवाता दिनों दिन, फिर कहीं जा के अपनी झलक दिखाता है.
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