मैं और पन्नें...................

अजनबी सा किस्सा है, हम दोनों मैं एक दूसरे का कुछ हिस्सा है, मिलते है मगर मिलान नहीं होता, ऐ कागज़ तू कभी शिकायत क्यों नहीं करता.

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rashi sharma
rashi sharma 23 Nov, 2022 | 0 mins read

वो शोक है मेरा, एहसास भी उसी में दर्ज होते है,

बोलते हम कम है इसलिए उसका सहारा लेते है,

ना शक करता है ना सवाल करता है,

वो पन्ना मेरा कुछ इस तरह से ख्याल करता है,


गुस्से में मोड़ कर फेंक देते है,

गलत लिखने पर उसे ही कचोट देते है,

वो फिर भी साथ निभाता है,

स्कूल नहीं गया कभी वो फिर भी सबक सिखाता है,


उड़ा कर फेक दी हमने कई किताबें यूं ही,

ऊब कर फाड़ दिए हमने कई सबक यूं ही,

जब मन शांत होता है तो फिर उसे जोड़ने लगते है,

वो शिकायत नहीं करता शायद इसी बात का फायदा उठाते है.

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