rashi sharma
20 Aug, 2022 | 1 min read
Surabhi sharma
15 Aug, 2022 | 1 min read
प्रकृत्ति संग मानव
प्रकृत्ति के संग सामंजस्य या संघर्ष
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Shilpi Goel
14 Aug, 2022 | 1 min read
जो बोएगा वही काटेगा
हम जो बोते हैं वही काटते हैं। जाने क्यों हर तरफ बस नफरत ही बाँटते हैं? अच्छा करोगे अच्छा भोगोगे, बुरा करोगे बुरा भोगोगे।
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Deepali sanotia
12 Aug, 2022 | 0 mins read
रे मनुज
इस धरा पर मनुष्य से अक्लमंद दूसरा कोई जीव नहीं है। फिर भी अपनी मूर्खतापूर्ण लालसा के वशीभूत होकर मनुष्य स्वयं को मिले उपहार प्रकृति की अवहेलना करता है।
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Kumar Sandeep
11 Aug, 2022 | 1 min read
इस तरह हम प्रकृत्ति के अस्तित्व को अक्षुण्ण रख सकते हैं
प्रकृत्ति से लगाव उसकी देखरेख हमारा परम् कर्तव्य है।
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rashi sharma
07 Aug, 2022 | 1 min read
बचा लो मुझे...............
पुकारती है, कराहती है, ये आवाज़ भी लगाती है, सुनों इसे ध्यान से ये अपनी कहानी सुनाती है, परेशान इंसान ही नहीं ये भी है, सिमट रहा है इसका अस्तित्व क्या इस पर हमने ध्यान दिया कभी.
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