मेरा श्रंगार बस इतना ही तो है
के अनगिनत किस्से, कुछ एहसासों के सिक्के ,
कुछ "हो चुकने" की बातें, कुछ "न होने" के पछतावे ,
मेरा सामान बस इतना ही तो है !!
हमारे छोटे-छोटे सपनें, कुछ उम्मीदें "बुद्धू-मन" की ,
तकना तेरी राहों को, कुछ मुड़-मुड़कर देखूं पीछे भी ,
मेरा इंतजार बस इतना ही तो है !!
कुछ तुझमें मेरा मैं देखूं, कुछ मुझमें तेरा तू पहचानें ,
बस मेरी बातें-तेरी बातें, ये ही हैं छोटी-छोटी सौगातें ,
मेरा संसार बस इतना ही तो है !!
मेंहदी, बिंदिया, कंगना, सिंदूर, पायल..सब तुझसे ही,
तुझसे ही सारी सौगातें, वो "पहला आंचल" तुझसे ही,
मेरा श्रंगार बस इतना ही तो है !!
Paperwiff
by namitagupta