Namita Gupta
22 Aug, 2024
जीत
फूल का खिलना नहीं,, मुरझाना क्रांति है
धूप का सरकना,,सांझ का ढलना,,
बारिशों का लौटना भी,,
एक ही दुनिया को बचाने हेतु
प्रेम हर क्रांति में साझा है
स्वयं का ज़िक्र किए बिना ही,,
जीत हमेशा बिगुल बजाकर नहीं आती
वह चुपचाप अपना काम करती है,,
निस्तबधता से,,है न !!
Paperwiff
by namitagupta
22 Aug, 2024
#जीत
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