Manu jain
Manu jain 21 Jun, 2020 | 0 mins read
पापा मेरे हीरो
Aman G Mishra
Aman G Mishra 14 Jun, 2020 | 1 min read

भारत विडम्बना

तुम दृढ नही ,तो कुछ नही, तुम आज हो,पर कल नही! अपने विचारों की सदृढता, खो गयी या थी नही !! सिंधु की लहरों में अब , सिंह सी गर्जना नही ! बात कह के जो अटल हो, क्या वो अब भारत नही!! बाण शैया पर था लेटा, शब्द सार्थकता सही! अपने ही वचनों पर अमर हो, क्या वो गंगा-सुत तुम नही!! दुनिया को सिखलाया इसी ने, ज्ञान-दीपक था यही ! क्षुद्र-पाखण्डी प्रभावित, क्या ये भारत था वही!! गंगा की लहरें भी न बदली, अब भी हिमालय खड़ा वहीं! तब क्यों कहता है ये भारत, अब स्वर्ण की चिड़िया नही!! क्या अब इस माटी में , वो वीर पैदा होते नही! कि भारत माँ की छाती में, अमृत सा अब पय नही!! फिर क्यों उसकी संतानों में , वो तेज दिखता ही नही! जो बता दे विश्व को, अब भी ये भारत है वही!! अब भी ये भारत है वही!! भारत माता की जय!! जय हिंद!! ©aman_g_mishra

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 14 Jun, 2020 | 1 min read

लिख लिया करते हैं

लिख लिया करते हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 14 Jun, 2020 | 1 min read

तन्हाई

तन्हाई

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 13 Jun, 2020 | 1 min read

Poetry

letter 1

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 13 Jun, 2020 | 1 min read

Letter 2

Poetry

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 13 Jun, 2020 | 1 min read

Letter 3

Poetry

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