

मन
मन बहुत अधीर है, चंचल हुआ ये नीर है। मन में अमन नही, अमन में मन नही, कैसा ये संयोग है, या कहूँ वियोग है। मन से अमन का... मन को अमन चाहिए, अमन को मन चाहिए, ये कैसा बेजोड़ है, कैसा बेमिसाल है जो प्रेम है , जो नेम है, बिछड़ाव , मन से अमन का... मन मानता नही, अमन की सुनता नही, फिर भी, मन चाहता है अमन, पर अमन से दूर ही , खोया रहता है, जैसे इश्क़ हो गया हो, मन से अमन का... अमन के मन में , अमन नही, जैसे सागर के , तल में जल नही फिर भी अलग है, या एक हैं, अमन भी जानता नही, ये लगाव, मन से अमन का... ©aman_g_mishra



Sawli zulfe
वो सादगी में भी क़हर ढाती हैं । सर्द की पहली धूप सी नज़र आती हैं । सांवली जुल्फ़े । हया से मिलके । जो वो खुल के मुसकुराती हैं । जिस से भी मिलती हैं , जीने का मकसद दे जाती हैं । ऐसी मिसाल हैं वो , जो आजकल कम पाई जाती हैं ।

तुम मेरे हॊ
ज़िन्दगी में कभी कुछ नहीं बदलता , शिवाय नज़रिये के ।।
Mausam
अब तो मान जा यार तू कितना बेरहम हैं। तेरी वजह से एक बार भीग चुका मेरा शहर , अब क्या सबको डुबोने का मन हैं ।

प्यार: पहली नज़र में...❤️
❤️"I hate nothing about you." this poetry is the composition of the feelings of first love❤️

National Crush ( Love )
तेरी आँखों की गहराई में डूबने वालो को तेरा कजरा कर जाये किनारे। और जो तस्वीर तेरी हो आखों से ओझल तो हर शक़्ल में तुझे निहारे । कर्फ्यू लग लग जाये जो एक आँख तू मारे । तेरी एक झलक के कायल मेरे मुल्क के कुँवारे । तू शायर की ग़ज़ल , संगीतकार के बोल , तुझमे ही सरगम के सुर सारे। तेरी मुस्कान दे जाए कितने डूबते को सहारे । देखी तो बहोत पर कोई तुझसी नहीं। तू है कोई अप्सरा या श्रृंगार की बाला । तेरे नाम जपु हर क्षण क्षण मैं तू ही मेरी तस्बीह तू ही मेरी माला । तुझको पाने पहुंच चुका हूं हरमंदिर, मस्जिद ,चर्च खटखटाया हर एक गुरुद्वारा ।