मन बहुत अधीर है,
चंचल हुआ ये नीर है।
मन में अमन नही,
अमन में मन नही,
कैसा ये संयोग है,
या कहूँ वियोग है।
मन से अमन का...
मन को अमन चाहिए,
अमन को मन चाहिए,
ये कैसा बेजोड़ है,
कैसा बेमिसाल है
जो प्रेम है ,
जो नेम है,
बिछड़ाव ,
मन से अमन का...
मन मानता नही,
अमन की सुनता नही,
फिर भी,
मन चाहता है अमन,
पर अमन से दूर ही ,
खोया रहता है,
जैसे इश्क़ हो गया हो,
मन से अमन का...
अमन के मन में ,
अमन नही,
जैसे सागर के ,
तल में जल नही
फिर भी अलग है,
या एक हैं,
अमन भी जानता नही,
ये लगाव,
मन से अमन का...
©aman_g_mishra
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