rashi sharma
02 Nov, 2022 | 0 mins read
चाँद छुपा..................
खुद की करने वाला, सबकी सुनने वाला, मनमौजी हूँ, मतलबी नहीं, हर वक्त कुछ ना कुछ सिखाने वाला.
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AM
21 Sep, 2022 | 1 min read
किस्सा एक अनकहा अनसुना 3 (अनंत से अनंत में....)
...भ्रम! हाँ यही तो वो लगता है सबको। पर सच क्या है ये सिर्फ़ मुझे पता है। मुझे पता है कि उसका इस दुनिया में होना उतना ही सच है जितना ये सच है कि रोज़ सूरज रोज़ निकलता और डूबता है...पर उसका सूरज सदियों से अपने शिखर पर है, कभी डूबा ही नहीं।
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