तुम ही हो

तुम ही हो

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 09 Feb, 2023 | 0 mins read

मेरे मन की मधुर कल्पनाओं में,

मेरे नाजुक कोमल एहसासों में,

मेरे जज्बातों के हर साथ में,

मेरे बातों की मिठास में,

मेरे जीवन के हर सुखद एहसास में,

बस तुम ही तो हो।

तुम ही हो मेरे प्रेम की मधुर स्मृति,

तुम्हारे बारे में सोचकर मिल जाती खुशी,

मेरे अधरों की सिक्त मुस्कान में,

मेरे होठों गुनगुनाती उस गान में,

आह्लादित तन बदन की थिरकन में,

मेरे बदन की हर लरजिश में

बस तुम ही तो हो।

तुम ही हो मेरे आज कल और अनंत काल में

बस तुम ही तो हो।

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