Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 31 May, 2020 | 1 min read

मोहब्बत की बदनामी

मोहब्बत को पता नहीं क्या क्या ग़लत नाम दे दिया जाता है जब किसी एक में निभाने के हिम्मत की नहीं होती

Reactions 1
Comments 0
549
Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 31 May, 2020 | 1 min read

एक दोस्त ही हो सकता है

एक दोस्त कितना कुछ होता है हमारी जिंदगी में

Reactions 1
Comments 2
831
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 31 May, 2020 | 1 min read

स्कूल की मीठी मीठी यादें

यादें कभी कभी इतनी अच्छी होती हैं कि उनमें डूब जाने के बाद वक़्त का अंदाजा ही नहीं रहता ऐसी ही कुछ यादें होती हैं स्कूल के दिनों की, जो की हमारे पूरे ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत वक़्त होता है...

Reactions 2
Comments 3
682
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 30 May, 2020 | 1 min read

बीच डगर का सफ़र

कभी कभी ऐसा लगता है ज़िंदगी जी तो रहे हैं हम मगर जीने को कुछ है ही भी ना दुःख है ना सुख है, ना कोई हमसफ़र है, ना किसी की गुंजाइश है.... मतलब सफ़र बिल्कुल उबाऊ सी लगने लगती है

Reactions 0
Comments 0
556
Avinash joshi
Avinash joshi 30 May, 2020 | 1 min read

हमारे भाई

A small piece of poetry for our migrant workers and daily wagers who has been facing brunt of this pandemic..

Reactions 0
Comments 0
346
Manu jain
Manu jain 30 May, 2020 | 1 min read

पीढ़ा ग़रीब पक्ष की

गरीबों का हाल देख आंखों में से आसूंओं की धार बहने लग जाती है ।

Reactions 2
Comments 0
760