Charu Chauhan
29 May, 2021 | 0 mins read
प्रेम, विछोह और भाषा
कैसे मनुष्य भाषा का निर्माण करते हैं और भूल जाते हैं अपने स्वार्थ के लिए। इसी पर आधारित है मेरी यह कविता।
2
0
1171
Snehlata Dwivedi
16 Apr, 2021 | 1 min read
अस्तित्व की खोज
अस्तिव की तलाश में भटकता व्यक्तित्व और उसकी परिणति पर एक रचना
0
0
807
anil makariya
15 Apr, 2021 | 1 min read
आडंबर
जिसे हम अपना कवच समझते हैं, कभी-कभी हम उसकी ही रक्षा करने लग जाते है और यह स्थिति ही कहलाती है 'आडंबर'
5
5
1158