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Picture prompt -32
#picture prompt -32 आयी है आसमां पर देखो चंदामामा की बारात बादल आये बराती बनकर देने सपनों की सौगात। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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by rekhajain
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24 Jun, 2025
Topic contest#सरल
आज की संपन्नता विष बीज ऐसे बो गयी। छल फरेब की भावना एक दूजे की हो गयी स्वार्थता की आंधियां ऐसी चली इस देश में- सरल मन इंसान की इंसानियत ही खो गयी। डॉ रेखा जैन
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27 Jun, 2025
#power
#power जब सत्ता के मोह में तू अंधा बना जाएगा फिर सत्य की राह तुझे कौन दिखाएगा। जब तख्त पलट जाएगा तू बहुत पछताएगा। छोड़ दे अंहकार ।अहम ना काम आएगा। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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11 Jul, 2025
#picture prompt -35
प्रेम की ऊसर जमी पर देख हरियाली सनम। करवट बदली और वे चहचहाने लग गये। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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15 Jul, 2025
Topic contest #जिद्दी
मंजिलें भी जिद्दी है । हौसले भी जिद्दी है । रास्ते भी जिद्दी है । कल क्या होगा ना पता। क्योंकि हम भी जिद्दी है। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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18 Jul, 2025
#समुद
#pictureprompt-37 किनारे पर बैठे सोच में डूबा मन, डूबो देते इस असीम सागर तन। दूर फैला नीला सागर,लहरों का शोर रेत पर नंगें पांव, ठंडी हवा में बीता बचपन। डॉ रेखा जैन स्वरचित व मौलिक रचना
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29 Jul, 2025
Picture prompt -38
#pictureprompt-38 इस धरा का तन सजाने कौन आयेगा। रोपकर पानी पिलाने कौन आयेगा। आज पौधे को लगा मत भूल जाना तुम। जा रही सांसें बचाने कौन आयेगा। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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05 Aug, 2025
#दूरी
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बताई न गयी, चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी, चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर, दूरी इतनी थी कि मिटाई न गयी। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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15 Aug, 2025
#Picture prompt -40
#Picture prompt -40 जिसे सीधा समझती थी वही टेढ़ा निकलता है। मगर अब तो जवान इंसान भी बूढ़ा समझता है। अजब सोच मानव की सभी कुछ आज बदलेगा। यहां तो हर किसी चेहरे पे ही चेहरा बदलता है। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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19 Aug, 2025
#भ्रष्टाचार
धरा से मिटाओ भ्रष्टाचार दिन दिन बढ़ते व्यभिचार। दर्शन दे दो आकर प्रभु शरण में पड़ा सभ्य समाज । डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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by rekhajain
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22 Aug, 2025
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