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#अकेला
#अकेला जीव आता अकेला जाता अकेला सहता सुख दुख अकेला ख्वाबों में खोया रहता अकेला सपने संजोकर होता झमेला। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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24 Dec, 2024
#picture prompt -13
पन्ना-पन्ना फट कर जो बिखर जाएगा । कदम -कदम पर तुमको नजर आएगा । अपनी दिल की किताब मे रह लेने दो । नहीं तो जमाना हमे उम्र भर खाएगा। डा० रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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27 Dec, 2024
#अनंत
# अनंत ना हो प्रारंभ ना ही अंत हो तुम मैं हूं अज्ञानी तो संत हो तुम जिस ज्ञान की खोज में जग डूबा है वही प्रेम ज्ञान अनंत हो तुम।। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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31 Dec, 2024
Picture prompt -14
#picture prompt -14 झिलमिलाते सितारों ने। रोशनी का परचम फहरा दिया। अंधेरे की क्या औकात ? रोशनी ने उसको हरा दिया। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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03 Jan, 2025
#सादगी
सादगी में बसा है असली खूबसूरती का राज। हमें सहज होकर जीना, अपनी जरूरतों व इच्छाओं के बीच संतुलन बिठाना, सीमित संसाधनों में खुश रहना और स्वाभाविक रहना ही सादगी है। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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07 Jan, 2025
Picture prompt -15
#picture prompt -15 किताब पर गुलाब है गुलाब बहुत नायाब है ग़म और खुशी का बस पन्ने पर लिखा हिसाब है। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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11 Jan, 2025
#संभावना
#संभावना संभावनाएं हो मुखर मुझको जगाती हर दिशा से कर्म की आवाज आती। पथ की कठिनाइयों से हार मान लूं कर्म गति क्षण को भी ना विश्राम पाती। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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15 Jan, 2025
#picture prompt -16
दूर होती उलझने सब, हौसलें से ही सदा भूलकर अस्तित्व अपना स्नेह की बौछार कदा घट रहा जो इस धरा पर ,युग युगों से निरंतर हौसले से होता हमेशा शक्ति का संचार सर्वदा। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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19 Jan, 2025
#आंदोलन
#आंदोलन आंदोलन के बगैर सृजन संभव नहीं बीज ने मिट्टी के विरुद्ध किया आंदोलन और फिर फूट पड़ा पौधा बनकर। शिशु ने कोख के भीतर किया आंदोलन और संसार में आया जन्म लेने के लिए। डॉ रेखा जैन दिल्ली
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22 Jan, 2025
सुबह
#Picture prompt -17 सुबह दुख जब भी आये घबराओं नहीं समझों अंधेरा गया और सुबह करीब है चलते रहो जब रास्ता ना सूझे तभी मंजिल चलकर आयेगी दरवाजे पर खड़ा हुआ सोचता मेरे सपने कब फूल बनेंगे। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना
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26 Jan, 2025
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