Charu Chauhan
Poetry_by_charu
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Body is one, but my soul has many characters. I'm a teacher, a scholar, cook, writer,blogger, designer.............. so on........
मैं भी उड़ना चाहती हूँ
अपने आप को भी थोड़ा समय दीजिए और सोचिए अपने सपनों के निर्माण के बारे में.....!
#Selfbuilding #Confidence #Responsibility #Carrier #Dream
"अब मुझे डर नहीं लगता "
अब पेट में डालने को निवाला है और तन पर ढकने के लिए कपड़ा तो मूसलों की बौछार से क्या डरना। अब तैयार थी वो खुद के लिए लड़ने को।
अगर मैं एक डॉक्टर होती.....
अगर मैं डॉक्टर होती तो आज माँ मेरे साथ होती। रोती बिलखती शीबू बस यही रट लगाए जा रही थी। भले ही तब भी भगवान् ना होती............
"ये मोह मोह के धागे "
सिर्फ मोह के धागे से बंधे रिश्तों की उम्र ज्यादा नहीं होती । ऐसी डोर एक ना एक दिन कमजोर पड़ कर खुद टूट जाती है और तब तक शायद खुद को समेटने के लिए बहुत देर हो चुकी होती है।