तुम होते तो ऐसा ना होता पापा....हाँ शायद ऐसा ना होता,
"राहें तो तब भी होती शायद यही टेढ़ी मेड़ी, चलती उन पर बार बार गिरने के बाद भी... पता है मुझे,
लेकिन तुम होते पापा, तो थक कर यूं किसी मोड़ पे मैं बैठी ना होती ।।"
"मन की चीज़ें ना होने पर शायद पहले की तरह चीखती, चिल्लाती या चाहे गुस्सा करती,
लेकिन तुम होते ना पापा, तो आज टूट जाने के बाद भी यूं आंसुओ को आँखों में ही ना सुखा लिया करती ।।"
तुम्हारा मुझे 'ऐ चारा' कहना भी खिलखिला कर हँसा देता था..... लाडली बेटी सुनकर आज भी इतराती या ना इतराती,
लेकिन तुम होते ना पापा, तो आज यूं हजार तारीफ सुन कर भी होंठ दबाकर सिर्फ मुस्करा दिया ना करती।।"
"सब कहते हैं लड़की समझदार हो गई, लेकिन सच तो यह है जिद ने दम तोड़ दिया है तुम्हारी ख़लिश में । "
बदल गई हूँ अंदर से लेकर बाहर तक, लेकिन तुम होते ना पापा तो मुझे पता है ऐसा ना होता......"
© चारु
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
✍️✍️🙏🏻🙏🏻
👍
शुक्रिया
Please Login or Create a free account to comment.