अगर मैं डॉक्टर होती तो आज माँ मेरे साथ होती। रोती बिलखती शीबू बस यही रट लगाए जा रही थी। भले ही तब भी मैं भगवान् ना होती लेकिन माँ गलत दवाई के इन्फेक्शन से तो ना मरती। शीबू की माँ काफी समय से लीवर के रोग से पीड़ित थी। दस दिन पहले छोटे भाई ने खेलते हुए कुछ दूसरी दवाईयां माँ की दवाई में मिला दी थी। और शीबू ने सही दवा की पहचान ना होने के कारण गलती से माँ को दूसरी दवाई दे दी। जिससे उसके लीवर का इन्फेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया था और कल रात उसकी मौत हो गई। शीबू की बदहवास हालत देख कर घनश्याम (पिता) भी उस वक़्त को याद करते हुए रो दिया जब उसने शीबू के सपने को, बेटी को ज्यादा नहीं पढ़ाना चाहिए वाली अपनी छोटी सोच के कारण तोड़ दिया था। शीबू के डॉक्टर बनने की इच्छा को अपने गुस्से से दबा दिया था। लेकिन आज पछता रहा था कि उसने अगर बेटी को डॉक्टर भी ना बना कर कुछ और उच्च शिक्षा भी दी होती तो परिवार आज यूं ना टूटता।
अगर मैं एक डॉक्टर होती.....
अगर मैं डॉक्टर होती तो आज माँ मेरे साथ होती। रोती बिलखती शीबू बस यही रट लगाए जा रही थी। भले ही तब भी भगवान् ना होती............
Originally published in hi
Charu Chauhan
03 Jul, 2020 | 1 min read
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Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत खूब 👏
Nice
Thank u guys
निःशब्द
धन्यवाद
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