रिश्तों की अहमियत संतुलित आचरण से ही समझ आती है। दो दिलों और तन मन के पावन गठबंधन में कभी भी तलाक की नौबत नहीं आनी चाहिये।
मेरी ज़िंदगी का लेखा-जोखा तो बस इतना ही है।
My point of view is only that to balance this vehicle of life♥️
तलाक के कारण एवं निवारण