JP Mishra
JP Mishra 22 Jun, 2020 | 1 min read
एक कहानी:भूतवाली

एक कहानी:भूतवाली

वंदू अपनी पड़ोस वाली आंटी के घर उनके बच्चों के साथ ऐसे घुली-मिली थी,जैसे वो अपने घर में ही हो। वो आंटी भी उसे अपने बच्चों की तरह ही लाड-प्यार करती थीं। जब वंदू के माँ पापा घर पर नही होते थे, या किसी काम से बाहर होते थे तब भी वो वंदू को उसी आंटी के घर पर छोड़ जाते थे। और वंदू भी उनके पास बड़े प्यार से रहती थी। वंदू अभी कुछ 7-8 साल की रही होगी। कहानी अपना रुख कुछ यूँ बदलती है कि वो आंटी शुगर की बीमार थीं और महीने भर हॉस्पिटल में एडमिट रहने के बाद सबको छोड़ के चली गईं। उनके इस तरह चले जाने से सब बहुत दुःखी थे, पर इस दुःख का असर सबसे ज्यादा अगर किसी पर था तो वो थी वंदू । ये दुःख इतना बड़ा हुआ कि सदमे तक पहुँच गया। तभी कुछ दिनों बाद मोहल्ले में रात में किसी चुड़ैल के साये की ख़बर सुनाई दी। जितने मुह उतनी बातें होने लगी। किसी ने कहाँ वो पड़ोस वाली आंटी ही हो सकती हैं। वंदू ऐसा सुन कर बहुत डर गई। वो आंटी वंदू के दिल के इतनी करीब थीं कि उनके जाने के बाद भी वंदू अपने आस-पास उनको एहसास करती थी। उस दिन वंदू बहुत डरी हुई थी, जैसे-जैसे शाम के बाद रात होने को हुई। वंदू की धड़कनें और तेज़ होने लगीं। जहाँ भी अँधेरा दिखता उसे लगता वो आंटी आ रही हैं। वो इतनी डरी कि जल्दी जल्दी खाना खत्म करके सोने चली गयी। उसे डर था कि आंटी उसके सपने में न आ जायें इसलिए उसने दादी के साथ सोने का फैसला किया। डर के कारण उसे नींद भी नही आ रही थी। जैसे तैसे करके वो सो गई। वंदू की नींद अचानक आधी रात खुल गयी। लेकिन वो उतनी डरी हुई नही थी, उसके जहन का सदमा दूर हो चुका था, उसके दिल में कुछ सुकून सा था। जैसे कोई खोई हुई चीज बहुत ढूढने के बाद मिल जाये। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वो आंटी वंदू के सपने में आईं थी, बिलकुल वैसे ही जैसे पहले वो उसके घर उसे आवाज देते हुए आती थीं-"वंदू...,वंदू।" सपने में वंदू आंटी के यहाँ खेल रही थी,खेलते खेलते अचानक उसका पैर फिसला और वो गिरी आंटी की गोद में...। तभी उसकी नींद खुल गयी।

Reactions 0
Comments 0
818
Shruti Parthasarathy
Shruti Parthasarathy 09 Jun, 2020 | 1 min read
Windows & their stories

Windows & their stories

Reactions 0
Comments 0
901
udit jain
udit jain 08 Jun, 2020 | 1 min read

मन की बात

सब अकेले ही है दुनिया मे

Reactions 1
Comments 0
904
Shruti Parthasarathy
Shruti Parthasarathy 06 Jun, 2020 | 1 min read

Darkness and Me

What is light without darkness? The snippet that follows is an attempt to share the relationship a nyctophile shares with darkness.

Reactions 0
Comments 0
846
udit jain
udit jain 04 Jun, 2020 | 1 min read

मजदूर हूँ मै ।।

हमको कभी अपना नही समझा

Reactions 1
Comments 0
858
Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 02 Jun, 2020 | 0 mins read

तुम्हारा हक

एक बेटी का अपनी माँ से किया गया वादा...☺️☺️☺️

Reactions 1
Comments 0
1086
Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 22 May, 2020 | 1 min read

#IChallengeyou #9th Article ( Importance of Fantasy )

#IChallengeyou #9th Article ( Importance of Fantasy )

Reactions 0
Comments 0
904
Pragati gupta
Pragati gupta 18 May, 2020 | 1 min read

बेटी का विवाह

एक बेटी की समझदारी.

Reactions 0
Comments 0
1798