Shubhangani Sharma
shubhanganisharma
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You are the most important person of your life.
मायूस ये दिल
जिसे हम बॉलीवुड कहते हैं...बचपन से हमें इसने बाँध कर रखा है, खुशी दी है। और हमारा मनोरंजन बेहिसाब किया है। पर आज की स्थिति देखकर उससे मोहभंग होता जा रहा है। ये है हमारे दिल टूटने का सफर।
कर्ण आगत
पितृपक्ष के संदर्भ में एक सनातन कथा अपने नज़रिये से आपको बताने का प्रयास कर रहीं हूँ। इसके साथ एक धार्मिक एवं सामाजिक समस्या भी है।
उंगलियां
हर व्यक्ति का अपना वजूद, अपनी खासियत होती है। हम किसी को कमतर या स्वयं को श्रेयस्कर समझने की अक्सर भूल कर जातें हैं।
मीडिया या महाभारत
मीडिया का सच्चाई को ऊपरी सतह से परखना महाभारत के पात्रों जैसा है। हम जानते हैं कैसे।।
वह चला गया।।
जीवन की सच्चाई। किसी के जाने पर ... लोगों के लिए सिर्फ एक विषय होता है, बात करने के लिए। घर और घर वालों की पीड़ा सिर्फ वे स्वयं ही समझ सकते हैं।
।।दरकार गुरु की।।
हमें हमेशा एक गुरु की आवश्यकता होती है जो हमारा मार्गदर्शन कर सके और हमें संभाल सके। ऐसे ही गुरु के लिए....