
fazal Esaf
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Fazal Abubakkar Esaf is a passionate writer known for his thought-provoking insights and concise storytelling. With a unique voice and a deep curiosity about the world, Fazal crafts narratives that resonate across cultures and experiences.

छज्जे पे टंगी दुआएँ
यह कहानी मुम्ब्रा की एक तंग बस्ती में रहने वाली नज़मा और उसकी बेटी हिना की है। नज़मा घरेलू काम कर के अपनी बेटी की पढ़ाई का ख़र्च उठाती है, क्योंकि वह चाहती है कि हिना डॉक्टर बने। मोहल्ले के लोग हिना की पढ़ाई का मज़ाक उड़ाते हैं, लेकिन माँ-बेटी हार नहीं मानतीं। हिना स्कूल के बाद एक NGO सेंटर में पढ़ती है और मेडिकल कैंप में वॉलंटियर बनती है। माँ की छज्जे पर टांगी दुआएँ उसकी किताबों की तरह हर दिन उम्मीदों के साथ लहराती हैं। स्कॉलरशिप के इंटरव्यू के लिए हिना वही पुरानी यूनिफॉर्म पहनती है लेकिन हिम्मत नई होती है। अंततः उसे स्कॉलरशिप मिलती है और मुम्ब्रा की उस गली में एक नई रौशनी फैलती है—उम्मीद की।
#Education,community

अब्बू का सपना
इम्तियाज़ मियाँ, लखनऊ के एक मामूली फिटर, ने अपने बच्चों को सिविल सेवा में भेजने का सपना देखा। उन्होंने अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया। बच्चों ने कठिन संघर्ष के बाद IAS, IPS और IRS में सफलता प्राप्त की। यह सफलता पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा बनी और शिक्षा के प्रति नजरिया बदला। कहानी इस्लाम में मेहनत, ईमानदारी और शिक्षा के महत्व को उजागर करती है। यह मुस्लिम युवाओं को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वे अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर रहे हैं। यह कहानी बताती है कि सीमित साधनों के बावजूद, मजबूत इरादा हर सपना साकार कर सकता है।

हसन की उम्मीद
हसन की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमारी सामाजिक स्थिति, धर्म, और समुदाय हमें हमारे सपनों को पूरा करने से रोकने का अधिकार नहीं रखते। संघर्ष, मेहनत, और एक मजबूत आत्मविश्वास के साथ हम किसी भी बुरे समय को पार कर सकते हैं। हसन का जीवन यह दर्शाता है कि सच्ची सफलता तब मिलती है, जब हम किसी भी हालात में हार मानने की बजाय, खुद को और अपने सपनों को जीने की हिम्मत रखते हैं।