बिछड़ी सखी के लिए
मेरी यादों में, तुम हमेशा रहोगी मेरी प्यारी सखी निधि।
आज भी तुम्हारी बहुत याद आती है तो सोचती हूं, क्या मैं भी तुम्हें याद आती होंगी?
काश तुम्हारा फोन नंबर लिख लिया होता किसी डायरी में,तो फोन खो जाने पर भी नंबर तो मेरे पास होता।अब भी एक उम्मीद है कि तुम्हें कहीं ना कहीं से मेरा नंबर मिल जाएगा और एक दिन मुझे तुम्हारा फोन आएगा।शायद तुम कहीं टकरा जाओ इसलिए हम अहमदाबाद भी हो आए।पर वहां भी निराशा हाथ लगी। ज्योति
Paperwiff
by chetnaaroraprem