नववर्ष
हर वर्ष विनती करु,सुखद रहूं चहुंओर।
प्रेम प्रीत सबमें भरु,रोज सुहानी भोर।
रोज सुहानी भोर, सभी को अपना मानूं
पक्षी मचाये शोर, पक्षी का कलरव जानूं ।
करु विनय करजोर ,सुखद रहे नारी नर
पकड़े रहना डोर, प्रभु पूरे वर्ष क्षण हर।
डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद
Paperwiff
by rekhajain