खुशी
आज सुबह से मैं कुछ उदास थी
जाने मेरे दिल को किसकी तलाश थी
अचानक घर के सामने ऐसा नजारा देखा
ठंड से ठिठुरता नन्हा सितारा देखा
भूख से बेहाल उस बच्चे को कुछ खिलाया
तन को कपड़ो से ढक कर ऐसा सुकून पाया
दुनिया की हर खुशी को उसकी हंसी मे पाया
असली खुशी क्या है, यह आज समझ आया
Paperwiff
by namratapandey